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बड़ी खबर : भारत में बन रही कोरोना की दवा, शुरू हुआ प्रोडक्शन, इतनी होगी कीमत !

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बड़ी खबर : भारत में बन रही कोरोना की दवा, शुरू हुआ प्रोडक्शन, इतनी होगी कीमत !   कोरोना की दवाई को लेकर दुनिया भर में वैज्ञानिक और डाक्टर दिन रात एक किये हुए है और भारत इस रेस में सबसे आगे निकलता दिखाई दे रहा है. जी, एक बड़ी जानकारी ये सामने आई है कि भारत में कोरोना की दवाई का प्रोडक्शन शुरू कर दिया गया है और 7 से 10 करोड़ खुराक की पहली खेप बनाई जा रही है. ये दवाई दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ पुणे बना रही है और इस बात का खुलासा खुद कंपनी के मालिक अदर पूनावाला ने किया है. उन्होंने बताया है कि कंपनी ने कोरोना के वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. अदर पूनावाला ने बताया कि उनकी कंपनी ब्रिटेन के ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर दवाई का ह्यूमन ट्रायल कर रही है. इस ट्रायल के नतीजे जब आयेंगे, तब आयेंगे लेकिन शुरुआती दौर में वैक्सीन को सफलता मिली है और इसी सफलता के बाद हमने दवाई का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. Charles Onyango-Obbo ✔ @cobbo3 World's largest vaccine maker, Serum Institute of In...

कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की ये बड़ी भविष्यवाणी, वैक्सीन नहीं तो...

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कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की ये बड़ी भविष्यवाणी, वैक्सीन नहीं तो...  कोरोना वायरस जैसी महामारी को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक उसकी वैक्सीन को बनाने में जुटे हुए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि बिना वैक्सीन के कोरोना वायरस खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड19 सर्दी-जुकाम से फैलाता है। जिस तरह से हर सीजन के मुताबिक सर्दी जुकाम आते हैं, वैसे ही कोरोनावायरस भी सीजनल फ्लू बनकर रह सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर इसकी ववैक्सीन नहीं बनती है, तो 2022 तक सोशल डिस्टेंसिंग अपनानी होगी दूसरी तरफ 2025 तक इस बीमारी का असर कम हो जाएगा। इससे पहले अमेरिका के कोरोनावायरस टास्क फोर्स के डॉक्टर ने भी इसी तरह की भविष्यवाणी की थी जगह कहा था कि कोरोना एक सीजनल फ्लू या मौसमी बीमारी बन सकता है। जिसके बाद अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्च टीम ने किस तरह का दावा किया है। 2025 तक हर साल इसका संक्रमण फैलने की संभावना है। कोरोना वायरस को लेकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने ब...

CORONA GOOD NEWS : अमरीका ने खोज ली कोरोना के इलाज की दवा

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CORONA GOOD NEWS : अमरीका ने खोज ली कोरोना के इलाज की दवा   अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के प्रमुख डॉ. एंथनी फॉसी ने व्हाइट हाउस में मीडिया को बताया कि इस दवा का अमरीका, यूरोप और एशिया के 68 स्थानों पर 1063 लोगों पर परीक्षण किया गया। इसके परिणाम अब सामने आ गए हैं। यह कोरोना के संक्रमण को रोकने में कारगर है। इससे पहले शिकागो में इस दवा का परीक्षण 125 कोरोना संक्रमितों पर किया गया था। इसमें 123 लोगों के ठीक हुए थे। 31 फीसदी तेजी से रिकवरी डॉ. फॉसी ने कहा कि रेमडेसिविर के प्रयोग से कोरोना के मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हुए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज दवा के परीक्षण के परिणामों की और गहन समीक्षा कर रही है। यदि रिकवरी तेजी से होती है तो इससे मरीज तेजी से रिकवर होंगे। उनके गंभीर होने का खतरा भी टलेगा। डब्ल्यूएचओ का टिप्पणी से इनकार पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि इस दवा बहुत कारगर नहीं है। लेकिन क्लीनिकल ट्रायल के बाद डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी माइकल ...

कोविड-19 : चीन के हुबेई में कोई नया मामला नहीं

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कोविड-19 : चीन के हुबेई में कोई नया मामला नहीं वुहान (चीन), 2 मई (आईएएनएस)। सेंट्रल चीन के हुबेई प्रांत में कोरोनावायरस महामारी का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हेल्थ कमीशन ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने प्रांत के हेल्थ कमीशन के हवाले से कहा, "कोविड-19 संक्रमण के किसी नए मामले की यहां पुष्टि नहीं हुई है। प्रांत में शुक्रवार तक संक्रमण से ग्रस्त कोई नया व्यक्ति मौजूद नहीं था।" गौरतलब है कि चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर को ही महामारी का शुरुआती केंद्र माना जाता है। कोरोनावायरस संक्रमण के मामले यहीं सबसे पहले सामने आए और फिर पूरी दुनिया में फैल गए। --आईएएनएस

Coronavirus Live: दुनियाभर में टूटा मौत का कहर, मरने वालों की संख्या 2.28 लाख पार

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Coronavirus Live: दुनियाभर में टूटा मौत का कहर, मरने वालों की संख्या 2.28 लाख पार नई दिल्ली/ टीम डिजिटल।  कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में कोहराम मचा हुआ है। आए दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 28 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 32 लाख 20 हजार को पार कर गई है। जबकि दस लाख से ज्यादा लोग वायरस जैसी महामारी से ठीक होकर नई जिंदगी प्राप्त कर चुके हैं। पूरी दुनिया में सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका है। अमेरिका बना मौत का अड्डा दुनियाभर में मचे हलचल के बीच अमेरिका अपने आप को सबसे दुर्भाग्यशाली समझ रहा होगा। पिछले 24 घंटे में यहां 1883 लोगों की मौत हुई। अमेरिका में मृतकों की संख्या 61 हजार पार कर गई है। जबकि 10 लाख 64 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाले से बताया है कि उन्होंने अमेरिका में गिलियड की रेमडेसिविर दवा को कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन स्थिति खराब तो पाक में संतुलित...

Remdesivir से तेजी से ठीक हो रहे हैं COVID-19 मरीज, जानिए कैसे वायरस को बेवकूफ बनाती है यह दवा...

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Remdesivir से तेजी से ठीक हो रहे हैं COVID-19 मरीज, जानिए कैसे वायरस को बेवकूफ बनाती है यह दवा...  रेमेडिसविर के इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था. Fight Coronavirus: कोरोना वायरस के इलाज के लिए लगातार चिकित्सकीय परीक्षण जारी हैं. इसी बीच एक दवा रेम्डेसिविर को लेकर साकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. Remdesivir के इस्तेमाल से COVID-19 के रोगियों में तेजी से रिकवरी देखने को मिल रही है. अमेरिकी नेतृत्व वाले परीक्षण में यह दवा बीमारी के खिलाफ प्रमाणित फायदे देने वाली पहली दवा बन गई है. जानते हैं रेम्डेसिविर के बारे में सबकुछ-  रेम्डेसिविर दवा के बारे में जानें सबकुछ (What You Need to Know About Remdesivir) क्या है रेम्डेसिविर? रेमेडिसविर (Remdesivir) एक प्रायोगिक, व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीवायरल है, जिसे पहली बार वायरल रक्तस्रावी बुखार इबोला (Treat Ebola) के इलाज के लिए विकसित किया गया था. इसे अमेरिकी फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज द्वारा बनाया गया है.   फरवरी में यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिसीज (NIAID) ने घोषणा की कि वह SARS-CoV-2 के खिलाफ ...

सच में कब तक आ सकेगी एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन?

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सच में कब तक आ सकेगी एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन? कोविड 19 (Covid 19) की वैक्सीन बनाने की इच्छाओं और काम में हर तरफ तेज़ी देखी जा रही है, लेकिन यह जल्दबाज़ी घातक साबित हो सकती है, इतिहास (History) गवाह है. 1950 के दशक में जब पोलियो (Polio) की एक वैक्सीन को आनन फानन में मंज़ूरी दे दी गई थी, तब क्या हुआ था? उस वैक्सीन (Vaccine) में वायरस (Virus) का एक वर्जन मृत न होने की वजह से जिन्हें वो वैक्सीन दी गई, उन्हें वास्तव में पोलियो हुआ और कई बच्चों की मौत हुई. इस कहानी से समझना यह चाहिए कि वैक्सीन ज़िंदगी बचाने के लिए है इसलिए इसका प्रामाणिक रूप से पुख्ता होना ज़रूरी है. ब्रिटेन (Britain) सहित कुछ जगहों पर कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ वैक्सीन के मानवीय परीक्षण (Human Trials) शुरू हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर बहुत आशावादी भी रहा जाए तो क्या यह सच है कि इस साल के अंत तक वैक्सीन सबके लिए उपलब्ध हो पाएगी? जानें सच्चाई कितनी कठोर हो सकती है. चार साल तो कम से कम लगे हैं! अमेरिका में कोरोना वायरस टास्क फोर्स के प्रमुख विशेषज्ञ डॉ फॉकी पहले ही कह चुके हैं कि इस महामारी...

...तो कोरोना के इलाज के लिए भारत को मिल गई ये दवा

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...तो कोरोना के इलाज के लिए भारत को मिल गई ये दवा  नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की महामारी पर काबू पाने के लिए वैक्सीन और दवा बनाने के लिए दुनिया भर के कई देशों में लगातार कोशिश जारी है। भारत भी इसमें पीछे नहीं है। अभी हाल ही में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए एक नई दवा के ट्रायल की मंजूरी दी गई है। इस दवा का नाम है सेप्सिवैक, जिसका निर्माण कैडिला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने किया है। इसका ट्रायल काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के सहयोग से तीन अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर किया जाएगा। ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की अनुमति मिल गई है। सेप्सिवैक नाम की इस दवा के ट्रायल के लिए देश के तीन अस्पतालों का चुनाव किया गया है। इनमें पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, दिल्ली और भोपाल स्थित एक आस्पताल शामिल है। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर शेखर सी. मंडे का कहना है कि तीन अस्पतालों में से एक को ट्रायल के लिए एथिक्स कमेटी से अनुमति मिल गई है। जैसे ही बाकी...

लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा, लेकिन शराब और पान की दुकान खोलने की इजाजत, रखी ये शर्त

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लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा, लेकिन शराब और पान की दुकान खोलने की इजाजत, रखी ये शर्त नई दिल्ली.  कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने तीसरी बार भी लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। 3 मई से बढ़ाकर लॉकडाउन को 17 मई तक कर दिया गया है। इस बीच सरकार ने शराब और बीड़ी सिगरेट की दुकानों को लेकर भी बड़ा फैसला किया है। शराब की दुकानों को खोलने में छूट दी गई है। लेकिन कुछ शर्तों का पालन करना होगा।  सभी जोन में खुल सकेंगी शराब की दुकान लॉकडाउन के दौरान रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में शराब की दुकानों को खोला जा सकेगा। हालांकि सरकार ने इसके लिए कुछ शर्त रखी है। रेड जोन के लिए विशेष शर्त रखी गई है। पानी की दुकान भी खोलने की इजाजत दी गई है।  शराब की दुकान खोलने की शर्त शराब की दुकान खोलने की पहली शर्त है कि वह एकल दुकान होनी चाहिए। यानीं जहां पर भीड़ भाड़ है वहां पर दुकान नहीं खुल सकती है। दुकान खुलने पर दो गज की दूरी का पालन करना होगा। 5 से अधिक लोग जमा नहीं हो सकेंगे।  शराब की दुकान खोलने का फैसला क्यों? लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानें बंद हैं। इस दौरान पंजाब सहित कई राज्यों...

कोरोना की वैक्सीन को लेकर बहुत धांसू ख़बर आई है

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कोरोना की वैक्सीन को लेकर बहुत धांसू ख़बर आई है  कोरोनावायरस से जुड़ी ख़बरों के बीच इसके वैक्सीन यानी टीके से जुड़ी एक ख़बर है. इज़रायल से. यहां के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि कोरोनावायरस की वैक्सीन का काम दो-तिहाई पूरा हो चुका है. यही नहीं. वैज्ञानिक को इस काम का पेटेंट भी मिल चुका है. अमरीका से.  पूरी ख़बर जानिए इज़रायल. यहां की टेल अवीव यूनिवर्सिटी. यहां के एक वैज्ञानिक हैं. प्रोफेसर जोनथन गेरशोनी. उनके बारे जेरूसलम पोस्ट में छपी ख़बर बताती है कि उनकी लैब में कोरोनावायरस की वैक्सीन पर जो काम हो रहा है, लगभग दो-तिहाई पूरा हो चुका है. यूनिवर्सिटी की तरफ़ से जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गयी है कि प्रोफेसर जोनथन की वैक्सीन को पेटेंट भी मिल गया है. पेटेंट मिला है United States Patent and Trademark Office (USPTO) से.  कैसे काम करेगी वैक्सीन? कोरोनावायरस इंसानों के शरीर के सेल से जिस तरीक़े से जाकर जुड़ता है, ये वैक्सीन उसी हिस्से पर काम करती है. मतलब सीधे कोरोनावायरस की जड़ पर. प्रोफेसर जोनथन ने बताया, “ये कोरोन...

कोरोना की वैक्सीन बंदरों पर सफल हो गयी, इंसानों के लिए गुड न्यूज़ किस महीने आने वाली है?

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कोरोना की वैक्सीन बंदरों पर सफल हो गयी, इंसानों के लिए गुड न्यूज़ किस महीने आने वाली है?  जब कोरोनावायरस की वैक्सीन की जद्दोजहद चल रही है, उसी समय Oxford विश्वविद्यालय सफल वैक्सीन की ओर एक और क़दम बढ़ा चुका है. विश्वविद्यालय का सबसे तेज़. और काम में कहीं रुकावट नहीं आई तो दुनिया के बड़े हिस्सों में आगामी सितम्बर तक वैक्सीन तैयार मिलेगी. हम Oxford के जेनर संस्थान की बात कर रहे हैं. यहां डॉक्टर और वैज्ञानिकों की एक टीम लगातार कोरोनावायरस की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई है. वैक्सीन को तो तैयार भी किया जा चुका है. सबसे पहले बंदरों पर इसका परीक्षण किया गया. और आम बंदर नहीं. Rhesus बंदरों पर. इन बंदरों की ख़ास बात इनकी जीनोम संरचना है, जो इंसानों के बहुत क़रीब है. तो बंदरों को वैक्सीन दी गयी. इसके बाद उन्हें कोरोनावायरस के हैवी डोज़ दिए गए. लेकिन एक महीने हो गये. इनमें से एक भी बंदर कोरोनावायरस से अब तक संक्रमित नहीं हुआ. लेकिन यही पर आता है सबसे ज़रूरी सवाल. कैसे बनी ये वैक्सीन. आम तौर पर वैक्सीन में वायरस का ही कमज़ोर रूप डाला जाता है. ये इंसान के शरीर मे...

BIG BREAKING :- दो लाख से ज्यादा मौतों के बाद US ने खोज निकाला कोरोनावायरस का अचूक उपाय !

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BIG BREAKING :- दो लाख से ज्यादा मौतों के बाद US ने खोज निकाला कोरोनावायरस का अचूक उपाय !  दो लाख से ज्यादा मतों के बाद ही यूएस ने खोज लिया करो ना वायरस की दवाई तेजी से ठीक हो रहे हैं लोग। पूरे विश्व में 2.28 लाख लोग इस कोरोना वायरस के कारण अपनी जान गवा चुके हैं और अभी तक इस वायरस की कोई दवाई नहीं आई है और ना ही कोई वैक्सीन बनी है। लेकिन अब खबर यूएसए आ रही है कि यूएस ने स्कूल में वायरस की दवाई का इलाज खोज लिया है और इससे दवाई से लोग रिकवर भी तेजी से हो रहे हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के सलाहकार डॉक्‍टर एंथनी फाउसी ने कहा, 'आंकड़े बताते हैं कि रेमडेसिविर दवा का मरीजों के ठीक होने के समय में बहुत स्‍पष्‍ट, प्रभावी और सकारात्‍मक प्रभाव पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा का अमेरिका, यूरोप और एशिया के 68 स्‍थानों पर 1063 लोगों पर ट्रायल किया गया है इस ट्रायल के दौरान यह पता चला कि 'रेमडेसिविर दवा इस वायरस को रोक सकती है। इससे पहले रेमडेसिविर दवा इबोला के ट्रायल के दौरान फेल हो गई थी। यही नही...

मई लाया खुशखबरी : भारत इसी महीने बना लेगा कोरोना की वैक्सीन !

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मई लाया खुशखबरी : भारत इसी महीने बना लेगा कोरोना की वैक्सीन ! भारत में इस वक्त की जो हालात है, उसे देखते हुए एक्सपर्ट बता रहे हैं कि अब पहले से भी ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि पहले की तुलना में कोरोना वायरस के फैलने की स्पीड और ज्यादा तेज़ हो गई है। पिछले तीन या चार दिनों से रोजाना औसतन 1500 नए संक्रमित मरीज़ सामने आ रहे हैं। जो यह बताता है कि केवल लॉक डाउन ही एकमात्र उपाय नहीं है। लेकिन, सरकार के पास फिलहाल इसके अलावा और कोई उपाय भी नहीं है। इसी बीच एक खबर आ रही है जो शायद भारत सरकार ही नहीं बल्कि पूरे देश को सुकुन देगी। खबर महाराष्ट्र के पुणे से है। यहां मौजूद Serum Institute of india (SII) ने कहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले 2-3 हफ़्ते में कोरोना वायरस के वैक्सीन बनने लगेंगे। अब ये सबकुछ ठीक कैसे होगा तो Oxford विश्वविद्यालय ने दुनिया के 7 बड़े संस्थानों से बातचीत की है। अगर Oxford का ह्यूमन ट्रायल सफल रहा, तो ये 7 बड़े संस्थान जिनमें SII शामिल है, कोरोना की वैक्सीन का वितरण और निर्माण शुरू कर देंगे। और सितम्बर-अक्टूबर आते-आते वैक्सीन बाज़ार में। ...