क्या गर्म पानी के गरारे आपको कोरोना वायरस से बचा लेंगे?
क्या गर्म पानी के गरारे आपको कोरोना वायरस से बचा लेंगे?
कुछ हफ्ते पहले एक ख़बर चली. कि गर्म भाप लेने से कोरोना वायरस से हुआ इंफेक्शन ठीक हो जाता है. ख़बर जब वायरल हुई तब कई एजेंसियों ने इसका फैक्ट चेक किया, और ये गलत साबित हुई. अब इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, एक डॉक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. ये बताते हुए कि नमकीन गर्म पानी से गरारे (गार्गल) करना, गर्म पानी पीना जैसे काम रोज़मर्रा के जीवन में अपनाने चाहिए.
क्या इससे सच में फर्क पड़ता है?
चिट्ठी लिखने वाले डॉक्टर हैं अरविंद चोपड़ा. सेंटर ऑफ रयूमटॉलजी, पुणे में प्रैक्टिस करते हैं. इनके अनुसार,
‘साधारण उपाय जैसे गुनगुना पानी पीना, सादे या नमकीन पानी से गरारे करना, सोने से कुछ मिनट पहले भाप लेना, ये सभी पुराने पारंपरिक तरीके हैं. लेकिन जनता को ये भी याद दिलाया जाना चाहिए कि वो खुद को सुरक्षित रखें.’
इस बात को लेकर अधिक जानकारी पाने के लिए हमने बात की डॉक्टर चंचल पाल से. ये मूलचंद मेडिसिटी अस्पताल में आंख, नाक, गला (ENT) विशेषज्ञ हैं. 33 साल से प्रैक्टिस कर रही हैं. इनसे हमने पूछा कि ये गर्म पानी के गरारे करना कितना फायदेमंद है.
इन्होंने हमें बताया,
‘कोई भी वायरल इंफेक्शन होता है, तो उसमें गर्म पानी या नमकीन पानी से गरारे करना रिलीफ पहुंचाता है. 80 फीसद कोरोना वायरस केसेज वैसे भी माइल्ड होते हैं. ये एक कॉमन फ़्लू वायरस ही है जो म्यूटेट होकर ऐसा बन गया है कि इससे डील करने में दिक्कत आ रही है. अभी ये वायरस नया है. इसको लेकर रीसर्च पेपर भी बहुत कम हैं. हमारे मेडिकल फील्ड में जब तक किसी चीज़ पर अच्छे से रीसर्च नहीं कर ली जाती, उसे क्रॉस चेक नहीं कर लिया जाता, तब तक हम उसे क्रेडिबल नहीं मानते. तो गरारों को किसी तरह के इलाज के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. पर हां, जहां तक इंफेक्शन में राहत मिलने की बात है, मैं सजेस्ट करूंगी कि गरारे किए जा सकते हैं.
एक्सप्रेस की ही रिपोर्ट के अनुसार ,डॉक्टर श्रीनाथ रेड्डी का भी कमोबेश यही मानना है. डॉक्टर रेड्डी पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन, इंडिया के प्रेसिडेंट हैं. उनके अनुसार भी गरारे करके वायरस से बचने का कोई मेडिकल प्रूफ नहीं है. लेकिन इसमें कोई दिक्कत भी नहीं है. उन्होंने कहा कि ये वायरस नाक और गले से होकर श्वसन तंत्र में जाता है. इसलिए हाथ धोने, चेहरा साफ़ रखने के साथ-साथ गरम पानी पीने, या भाप लेने में कोई बुराई नहीं है. हो सकता है इसके कुछ फायदे भी हों. हार्वर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार भी ऐसा कोई सबूत नहीं है कि ये गरारे करने की आदत वायरस को आपके फेफड़ों में घुसने से रोक लेगी.
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गरारे आम इंफेक्शन में कैसे हेल्प करते हैं?
डॉक्टर चंचल ने बताया कि गले में होने वाले इंफेक्शन अधिकतर वायरल होते हैं. वायरस या बैक्टेरिया, जिनसे इंफेक्शन होता है, वो शरीर में घुसने के बाद अपने चारों ओर एक सुरक्षा वाली परत बना लेते हैं. जिसे बायोफिल्म कहा जाता है. गरारे करने से ये बायोफिल्म नष्ट हो जाती है. गले में म्यूकस भी होता है. ये एक गाढ़ा लिजलिजा पदार्थ होता है जो भीतरी अंगों को नमी देता है. ये अगर एक जगह इकठ्ठा हो जाए तो उसमें भी वायरस पनपते हैं. गरारे से वो जमा हुआ म्यूकस भी क्लियर होता है. इस तरह वायरस के पनपने की जगह साफ़ हो जाती है और आराम मिलता है.
इसे ऐसे समझिए कि आपके घर में एक कोना है, जहां सीलन की वजह से बार-बार फफूंद लग जाती है. आप ऊपर से फफूंद तो हटा देते हैं, या उसके ऊपर क्लीनर डालकर उसे साफ़ कर देते हैं, पर सीलन का इलाज नहीं करते. तो वहां बार-बार फफूंद लग ही जाती है. अब अगर आप उस सीलन का उपाय कर देंगे, तो दीवार सूखी रहेगी, और वहां फफूंद जम नहीं पाएगी. गरारे इसी तरह आपके गले को साफ़ कर देते हैं ताकि इंफेक्शन न हो. और अगर हो भी, तो जमा हुआ म्यूकस साफ़ हो जाने पर राहत मिलती है. लेकिन ये आम इंफेक्शन में मदद करता है. इसे इलाज नहीं माना जाना चाहिए.
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