कोरोना: हल्के लक्षण वालों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया नया दिशा-निर्देश, पढ़िए क्या करना है, क्या नहीं
कोरोना: हल्के लक्षण वालों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया नया दिशा-निर्देश, पढ़िए क्या करना है, क्या नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. इस दिशानिर्देश का पालन करने के बाद 17 दिनों में होम आइसोलेशन से छुट्टी मिल सकती है.
देश में हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों की बड़ी तादाद को देखते हुए सरकार ने भी अपने नियमों में बदलाव किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब बहुत हल्के या प्री-सिम्टोमैटिक मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के नए नियम तय किए हैं. मंत्रालय के मुताबिक़ शुरुआती लक्षणों वाले मरीज़ों का आइसोलेशन 17 दिन बाद ख़त्म किया जाएगा.
नए नियम के मुताबिक़ प्री-सिम्प्टोमैटिक मामलों में सैंपल लिए जाने के बाद से 17 दिन गिने जाएंगे. सरकार का मानना है कि दोनों ही मामलों में आइसोलेशन की अवधि तभी पूरी मानी जाएगी जब बीते 10 दिनों में मरीज को कोई बुखार न आया हो.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं. दोनों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना जरूरी होगा.
मरीजों के लिए 10 निर्देश
- हर वक्त ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा. हर 8 घंटे में इसे बदलना होगा. अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो तुरंत बदलना पड़ेगा.
- इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करने से पहले 1% सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित (डिसइन्फेक्ट) करना होगा.
- मरीज को अपने कमरे में ही रहना होगा. घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और हाइपरटेंशन या दिल की बीमारी वाले लोगों से संपर्क नहीं होना चाहिए.
- मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी या तरल (फ्लुइड) लेना चाहिए.
- सांस की स्थिति पर नजर रखने के लिए जो निर्देश दिए गए हैं वे मानने पड़ेंगे.
- साबुन-पानी या अल्कोहॉल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सेकेंड तक हाथ साफ करते रहने चाहिए.
- पर्सनल चीजें दूसरों के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए.
- कमरे में जिन सतहों को बार-बार छूना पड़ता है (जैसे- टेबलटॉप, दरवाजों के कुंडी और हैंडल) उन्हें 1% हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए.
- मरीज को डॉक्टर के निर्देश और दवाओं से जुड़ी सलाह माननी पड़ेगी.
- मरीज अपनी हालत को खुद मॉनिटर करेगा. हर दिन शरीर के तापमान की जांच करेगा. अगर स्थिति बिगड़ने के लक्षण दिखें तो तुरंत बताना होगा.
मरीज की देखभाल करने वालों के लिए 12 निर्देश
- मरीज के कमरे में जाए तो ट्रिपल लेयर वाला मेडिकल मास्क पहनना होगा. मास्क इस्तेमाल करते वक्त उसका सामने वाला हिस्सा नहीं छूना चाहिए. अगर मास्क गीला या गंदा हो जाए तो तुरंत बदलना चाहिए. इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड करें और हाथों को अच्छी तरह साफ करें.
- देखभाल करने वाले को अपने चेहरे, नाक या मुंह को नहीं छूना चाहिए.
- मरीज या उसके कमरे के संपर्क में आने पर हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए.
- खाना बनाने से पहले और बाद में, खाना खाने से पहले, टॉयलेट जाने के बाद और जब भी हाथ गंदे लगें तो अच्छी तरह धोने चाहिए. हाथों को साबुन-पानी से 40 सेकेंड तक धोएं. हाथों में धूल नहीं लगी है तो अल्कोहॉल वाला सैनेटाइजर भी यूज कर सकते हैं.
- साबुन-पानी से हाथ धोने के बाद डिस्पोजेबल पेपर नैपकिन से पोंछने चाहिए. पेपर नैपकिन नहीं हो तो साफ तौलिए से हाथ पोंछे. गीला होने पर उसे बदल दें.
- मरीज के शरीर से निकले फ्लुइड के सीधे संपर्क में नहीं आएं. मरीज को संभालते वक्त हैंड ग्लव्ज पहनें. ग्लव्स पहनने और से पहले और उतारने के बाद हाथ भी साफ करें.
- मरीज के साथ सिगरेट शेयर करने, उसके बर्तन, पानी, तौलिए और चादर के संपर्क में आने से बचें.
- मरीज को खाना उसके कमरे में ही पहुंचाएं.
- मरीज के बर्तन ग्लव्स पहनकर साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें. ग्लव्स उतारने के बाद हाथ साफ करें.
- मरीज के कमरे की सफाई करते वक्त, कपड़ों या चादर को धोने वक्त ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल ग्लव्ज पहनें. ग्लव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद अच्छी तरह हाथ धोएं.
- इस बात का ध्यान रखें कि मरीज समय-समय पर दवाएं लेता रहे.
- देखभाल करने वाला व्यक्ति या मरीज के नजदीकी संपर्क वाले लोग अपनी हेल्थ को खुद मॉनिटर करें. रोज शरीर के तापमान की जांच करें. कोरोना से जुड़े लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल ऑफिसर से संपर्क करें.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें