कामयाब हो गई कोरोना की ये दवा, 73 मरीजों को इसी से ठीक किया गया !
कामयाब हो गई कोरोना की ये दवा, 73 मरीजों को इसी से ठीक किया गया !
कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सिन ( Vaccine ) बनाने की कोशिश की जा रही है। डॉक्टर और चिकित्सक लगातार इस पर शोध कर रहे हैं और कई देशों में संभावित दवाइयों के क्लिनिकल ट्राइल भी किए जा रहे हैं। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात ने भी कोरोना की दवा का सफल ट्राइल करने का दावा किया है। UAE के एक संस्थान ने का दावा है कि उसने COVID-19 इन्फेक्शन के इलाज के लिए ‘गेम-चेंजर’ तकनीक निकाली है। दरअसल, संस्थान ने स्टेम सेल्स की सहायता से कोरोना मरीजों के इलाज करने का दावा किया है।
बताया जा रहा है कि जितने मरीज का इस तकनीक के जरिए इलाज किया गया है, सभी ठीक हो चुके हैं। UAE में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए इस तरह के करीब 60 प्रॉजेक्ट चल रहे हैं।
विदेश मंत्री ने ट्वीट के जरिए दी जानकारी
UAE के विदेश मंत्री हिंद अल ओतैबा ने ट्वीट करते हुए इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अबु धाबी स्टेम सेल्स सेंटर ने COVID-19 इन्फेक्शन के इलाज का तरीका निकाला है। इस नई तकनीक के अनुसार, मरीज के खून से स्टेम सेल्स निकालकर फेफड़ों में डाले जाते हैं और फेफड़ों के सेल्स को रीजनरेट किया जाता है। इसके साथ ही इम्यूनिटी सेल्स को ओवररियेक्ट करने से रोक जाता है। इस प्रक्रिया से मरीज ठीक हो जाता है।
अब तक 73 मरीज हो चके हैं ठीक
विदेश मंत्री ओतैबा ने बताया है कि इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। अब तक कुल 73 मरीजों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है और सभी के सभी ठीक हो चुके हैं। किसी भी मरीज में कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। अब इस ट्रीटमेंट प्रक्रिया को पुख्ता साबित करने के लिए अधिक से अधिक ट्रायल किए जा रहे हैं, जिसका परिणाम आने वाले दिनों में दिखेंगे। इसके बाद इसके नतीजों को देखते हुए कुछ आधिकारिक फैसला लिया जाएगा।
Remdesivir अभी तक सबसे प्रभावी दवा
आपको बता दें कि Remdesivir को कोरोना के खिलाफ इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवा माना जाता है। अमरीका में इसके थर्ड स्टेज की टेस्टिंग में पॉजिटिव रिजल्ट्स आए हैं। कैलिफोर्निया की दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने कहा है कि शुरुआती रिजल्ट्स बताते हैं कि ‘रेम्डेसिविर’ दवा की 5 दिन की खुराक के बाद COVID-19 के मरीजों में से 50 प्रतिशत की हालत में सुधार हुआ। थर्ड स्टेज की टेस्टिंग के बाद ही दवा को अप्रूवल मिलता है।
बता दें कि ‘रेम्डेसिविर’ को अभी तक विश्व में कोई मंजूरी या लाइसेंस नहीं मिला है और न ही कोविड-19 के उपचार में यह अभी तक सुरक्षित या प्रभावी साबित हुई है। मालूम हो कि ‘रेम्डेसिविर’इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था।
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